उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप की शिकार हुई युवती के शव का मंगलवार रात पुलिस ने अंतिम संस्कार करवा दिया। पीड़िता का शव देर रात गांव पहुंचा और गांववालों के भारी विरोध के बीच उसकी चिता जला दी गई। मां चीखती रही कि बेटी का शव उन लोगों को सौंपा जाए। वह बिलखती रहीं कि बेटी को अपनी देहरी से हल्दी लगाकार विदा करेंगीं लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। हैरानी वाली बात यह है कि पुलिस ने लड़की का दाह संस्कार करने की बात उसके घरवालों को ही नहीं बताई। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चौतरफा हमले हो रहे हैं। इधर यूपी सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच गठित कर दी है।
पीड़िता की मां रोते-बिलखते कह रही हैं, 'मेरी आखिरी बेटी थी। सपने देखे थे कि उसे धूमधाम से अपने देहरी से विदा करेंगे। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार बेटी को हल्दी लगाकर विदा करते हैं। हम चाहते हैं कि बेटी का शव दिया जाए। उसे हम आखिरी बार अपने घर से हल्दी लगाकर विदा करना चाहते हैं क्योंकि अब वह कभी लौटकर नहीं आएगी।'
मां की दर्दनाख चीखें भी पुलिस के दिल की नहीं चीर सकीं। पुलिस ने घरवालों को शव नहीं दिया, न ही बच्ची को अंतिम बार उसके घर ले जाया गया। दिल्ली से लाकर सीधे आधी रात को उसका दाह संस्कार कर दिया गया। हैरानी वाली बात है कि घरवालों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।
हाथरस गैंगरेप