टाइगर कौन .....?


जोड़-तोड़ की सियासत में खींचतान स्वाभाविक प्रक्रिया है और इन दिनों मध्य प्रदेश इसी परिस्थिति से गुजर रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जोड़-तोड़ से शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में भाजपा की सरकार तो बन गई, लेकिन पालेबंदी साफ तौर पर दिखने लगी है। तमाम पंचायतों के बाद किसी तरह मंत्रिमंडल का विस्तार तो हो गया, लेकिन अब विभागों के बंटवारे को लेकर मशक्कत शुरू हो गई है।


जब तक मंत्रियों के बिभागों का चयन नहीं होता  इससे कामकाज का बंटवारा होने में और भी विलंब हो सकता है। शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों शिव के विष पीने की बात कहकर अपने दिल का गुबार तो निकाल दिया, लेकिन उनकी पीड़ा कम नहीं हो सकी।


मंत्रिमंडल विस्तार होने के बावजूद विभागों को लेकर आम राय नहीं बन पाई। शिवराज की सरकार बनाने का सबसे बड़ा श्रेय सिंधिया को है और सिंधिया इस एवज में अपने समर्थकों को अच्छे और प्रभावी विभाग दिलवाना चाहते हैं।